Cheque Bounce Rules 2025: 1 अप्रैल 2025 से चेक बाउंस से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 में संशोधन करके इस अपराध के लिए सख्त दंड तय कर दिए हैं। अब अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर चेक बाउंस करता है, तो उसे दो साल तक की जेल और चेक की राशि के दो गुने तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा, बार-बार चेक बाउंस होने की स्थिति में खाताधारक का बैंक खाता भी फ्रीज किया जा सकता है।
अब शिकायत दर्ज करना हुआ आसान
पहले चेक बाउंस की शिकायत दर्ज करने के लिए सिर्फ 30 दिन का समय मिलता था, लेकिन अब यह समय सीमा बढ़ाकर 90 दिन कर दी गई है। साथ ही, अब पीड़ित व्यक्ति ऑनलाइन भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। डिजिटल साक्ष्य (Digital Evidence) को भी अब कानूनी मान्यता दी गई है, जिससे शिकायत प्रक्रिया और अधिक सुगम हो गई है।
बैंक अब तुरंत देंगे नोटिफिकेशन
नए नियमों के तहत बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि चेक बाउंस होने पर 24 घंटे के भीतर खाताधारक और लाभार्थी दोनों को SMS और ईमेल के माध्यम से इसकी सूचना देनी होगी। साथ ही, चेक बाउंस होने का कारण भी स्पष्ट रूप से बताया जाएगा।
लगातार तीन बार चेक बाउंस तो खाता होगा फ्रीज
अगर किसी ग्राहक का चेक लगातार तीन बार बाउंस होता है, तो संबंधित बैंक को अधिकार दिया गया है कि वह उस खाते को अस्थायी रूप से फ्रीज कर सकता है। यह कदम पेमेंट सिस्टम में अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
कोर्ट में केस की सुनवाई होगी तेज
मद्रास हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामलों की सुनवाई को तेज करने के निर्देश दिए हैं। अब अदालतें इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर तेजी से निपटाएंगी ताकि शिकायतकर्ता को जल्द न्याय मिल सके।
सभी बैंकों के लिए एक जैसे नियम
सरकार ने सभी बैंकों के लिए चेक बाउंस की प्रक्रिया को एक समान कर दिया है। अब चाहे मामला किसी भी बैंक का हो, कार्रवाई एक ही तरीके से की जाएगी। इससे पीड़ितों को समान न्याय सुनिश्चित होगा।
बचाव के लिए अपनाएं ये सावधानियां
- चेक जारी करने से पहले खाते में पर्याप्त राशि सुनिश्चित करें।
- चेक पर सही तारीख और प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट रूप से लिखें।
- केवल ब्लैक या ब्लू स्याही का उपयोग करें और फटे या क्षतिग्रस्त चेक से बचें।
- चेक को “Account Payee” बनाना न भूलें ताकि उसका दुरुपयोग न हो।
- समय-समय पर बैंक स्टेटमेंट चेक करते रहें।
- अगर किसी कारण से भुगतान में देरी होने वाली है, तो सामने वाले को पहले ही सूचित कर दें।
क्या है कानूनी सजा?
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के अनुसार, चेक बाउंस एक आपराधिक मामला है। इसके तहत दोषी व्यक्ति को:
- अधिकतम दो साल की जेल,
- चेक राशि के दोगुने तक का जुर्माना,
- कोर्ट फीस और अन्य कानूनी खर्च उठाना पड़ सकता है।
इसके अलावा, बैंक भी ₹100 से ₹750 तक की पेनल्टी वसूल सकते हैं।
निष्कर्ष
अगर आप किसी को चेक देने जा रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त बैलेंस हो और चेक सही तरीके से भरा गया हो। सरकार द्वारा किए गए इन नए नियमों का मकसद भुगतान प्रणाली को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है। चेक बाउंस अब सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आ चुका है।